UP 69000 Shikshak Bharti update उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती नई मेरिट लिस्ट बनाने के विरोध में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिया है । वहीं एससी और एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों ने 2 सितंबर से मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने का आह्वान किया है ।
UP 69000 Shikshak Bharti update
यूपी 69000 शिक्षक भर्ती मेरिट लिस्ट को रद्द करने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है । सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में मामले को लेकर गए हैं। इससे पहले ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों ने इस मामले में कैविएट दाखिल किया था। हाई कोर्ट की खंडपीठ लखनऊ न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने के लिए यह याचिका दाखिल की गई है।
याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार मूल चयन सूची में बदलाव न करें ताकि किसी भी सामान्य वर्ग के चयनित अभ्यर्थी का अहित न हो । उधर उधर ओबीसी एससी और एसटी की नई मेरिट सूची जारी करने में देरी को लेकर सभी अभ्यर्थी 2 सितंबर से मुख्यमंत्री आवास का घिराव करने का आह्वान किया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की खंडपीठ लखनऊ ने UP 69000 Shikshak Bharti मामले में फैसला सुनाते हुए मेरिट सूची को रद्द कर पुनः तीन माह के अंतर्गत नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया था।
19000 शिक्षकों की चली जाएगी सरकारी नौकरी
जनरल कैंडिडेट की तरफ से विनय पांडे और शिवम पांडे ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट की खंडपीठ न्यायालय के आदेश को चुनौती दिया है। ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में कैविएट डाल दी थी । इस प्रकार से उत्तर प्रदेश 69000 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दर्ज की जा चुकी हैं।
UP 69000 Shikshak Bharti update इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ लखनऊ न्यायालय के आदेशानुसार यदि शिक्षक भर्ती नई मेरिट लिस्ट पुनः बनती है, तो लगभग 19000 शिक्षक बाहर हो सकते हैं । वही 69000 शिक्षक भर्ती के चयनित उम्मीदवारों ने महानिदेशक स्कूली शिक्षा कंचन शर्मा और ज्वाइन डायरेक्टर गणेश कुमार से मुलाकात की है।
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ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट इसलिए डाली है। की किसी अदालत कोई भी फैसला सुनाने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए । इस याचिका में मांग की गई है, कि अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों के समायोजन की स्थिति में हाई कोर्ट में याचिका दायर करने वाले 4000 ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिले, नहीं तो वह अनारक्षित वर्ग के समायोजन का विरोध करेंगे।